खिचड़ी

स्वजनों आजकल हमारे देश में न जाने कौनसी खिचड़ी पकरही है किसी को कोई खबर नहीं ,
मीडिया के माध्यम से सुना कि साहिबान मिल कर खिचड़ी बना रहे हैं जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करना चाहते हैं , बेशक कीजिये इसमें देश का नाम है पर खिचड़ी तो हर आदमी की जिंदगी में पक रही है। नोटबंदी या यूँ कहूँ नई सरकार के गठन2014 के बाद शायद हर रोज नई खिचड़ी पकती है ,
खैर खिचड़ी की भी अपनी अदा है
गांव देहात में तो खिचड़ी को लेकर एक कहावत भी मशहूर है

"घी बणावै खीचड़ी, नाम बहू का होय"

अरे नहीं मेरा इशारा सर्जिकल स्ट्राइक की तरफ नहीं था बस एक कहावत कही ,
खैर छोड़िये उस बात को सेना ने इस शौर्यपूर्ण कार्य को अंजाम दिया वो ठीक है मगर  साहिब को तो फुल मिलना चाहिए ।
जाने दीजिए  तो हम खिचड़ी पर थे ।

सुना है खिचड़ी मरीजों का खाना होती है
अरे मरीजों की ही बात कर रहा हूँ गोरखपुर के अस्पताल पर काहे लिए जरहे हो,
सुना नहीं था अगस्त में तो बच्चे मरते ही हैं
खैर छोड़िये

खिचड़ी का मुख्य अवयव चावल ही होता है , मजे की बात ये है कि इस बार किसान का धान खूब सस्ता है तो चावल सस्ता मिलेगा तो खूब मजे से खिचड़ी उड़ाना ।

शादीशुदा लोगों की नजर में खिचड़ी दुनिया का सबसे वाहियात खाना है.....ये शौक़ नही मजबूरी की डिश है।
इसे ये कहकर बनाया जाता है कि आज कमर में दर्द है दिल नही कर रहा कुछ भी बनाने का बस खिचड़ी चढ़ा देती हूँ,

खिचड़ी दाल चावल के उस मेल की तरह है जैसे ढिंचक पूजा और अनु मलिक की जुगलबंदी
हां पूजा से याद आया की घर में पूजा और हवन कराना था एक बार साहिब बोले थे की 25₹/किग्रा० घी मिलेगा सोचा जब इतना सस्ता घी मिलेगा तो हवन अच्छा ही करा देंगे फिलहाल मामला स्थगित सा प्रतीत होता है ,

जब मैं पढाई के उद्देश्य से घर से दूर रहा तो खिचड़ी ही मेरा मुख्य भोज्य पदार्थ था अब रोटी सब्जी और दाल अलग अलग कौन बनाये अभी कुंवारा भी हूँ मेरी कौनसा बीबी है जो बना देगी
बीबी से याद आया.....

छोड़िये 😊😊

सौ बात की एक बात कहना चाहूंगा कि आप कुंवारे हों,शादीशुदा या रंडवे खिचड़ी से प्रेम कीजिये हो न हो पेट तो भर ही देती है ।

टिप्पणियाँ

Yunus Naimi Shah ने कहा…
Bahoot khoob

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