यमलोक में भृष्टाचार
एक आदमी मरा और पहुंचा यमलोक,
उसके मरते ही घरवालों में मचा शोक ।
यमदूतों ने लेजाकर यमलोक में जा फेंका,
वहाँ पर तो उसने कुछ अजीब ही देखा ।
वहाँ उसने देखा चारों ओर घड़ियाँ ही घड़ियाँ थी,
जिधर देखो उधर दीवारों पर घड़ियों की लड़ियाँ थीं ।
कोई घडी तेज थी तो कोई घडी मंद थी,
कोई घडी चालू थी तो कोई घडी बंद थी ।
ऐसा अजूबा देख आदमी चकराया,
पूछा तो यमराज ने उसे बताया ।
इन घड़ियों की उस हिसाब से है रफ़्तार,
जिस हिसाब से देशों में है भ्रष्टाचार ।
आदमी ने चारों तरफ नजर घुमाई,
पर भारत की घड़ी कहीं नजर न आई ।
आदमी ने सोचा भारत वाले यहाँ भी भृष्टाचार ले आये ,
यमराज से बोला बता बे भारत की घड़ी छुपाने के तूने कितने पैसे खाये ।
यमराज बोले बेटे तेरे शक की सुई बिना बात उछल रही है,
हमारे बेडरूम में जाओ वहाँ पंखे की जगह भारत की घड़ी चल रही है ।
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