माँ-बाप
मित्रों हम दुनिया में जीरहे हैं रोज कुछ करते हैं और सफल होने पर खुद पर गर्व भी करते हैं लेकिन कभी सोचा है कि ये गर्व करने लायक कुछ करने लायक हमें बनाया किसने ?
वो हैं हमारे माँ बाप ।
वही माँ जिसने हमें 9 महीने कोख में पाला, दुनिया में जन्म दिया, हमारा ध्यान रखा, हमारी अनकही बातों को भूख-प्यास को हर दर्द को बस इशारों में समझा तब जब हम बोलना भी नहीं जानते थे ।
वही पिता जिसने हमारी ख़ुशी के लिए हमारे बचपन के लिए अपनी जवानी को कुर्बान कर दिया, वही बाप जो हमारे सुनहरे कल के लिये अपने भविष्य के अंधेरे को चीर कर अनवरत बढ़ता रहा, अपनी जरूरतों को सीमित करके भी हमारे शौक पूरे करने के लिए कमाता रहा ।
सच तो ये है कि माँ बाप के त्याग और बलिदान को असंख्य शब्दों में परिभाषित नहीं किया जासकता ।
सच तो ये है कि दुनिया की कोई दौलत माँ बाप के ऋण से मुक्त नहीं कर सकती ।
सच ये भी है कि दुनिया की कोई भी सुविधा माँ की गोद जैसा आराम और सुकून नहीं दे सकती ।
दुनिया में देश-विदेश कहीं घूम लो लेकिन जो आनंद पाप की ऊँगली पकड़ कर बाजार घूमने में आता था वो अब नहीं मिलता ।
हम बड़े होते जाते हैं और हमारे लिए रिश्तों के मूल्य बदल जाते हैं ।
बचपन में जब भी कहीं हमें असुरक्षा महसूस होती थी पापा की ऊँगली को कस के पकड़ लेते थे मगर आज जब वही पापा देर रात असुरक्षित घूमने को लेकर जब हमें समझाते हैं तो हमें लगता है कि हम पर पुराने विचार थोपे जा रहे हैं हमें कैद किया जारहा है ।
बचपन में जब भूख लगने पर माँ के हाथ का खाना खाने को बेताब से चूल्हे पर बैठ कर इन्तजार करते थे आज होटल के खाने के सामने माँ के हाथ की दाल ऊबाऊ लगती है ।
कितना बदल गए हैं न हम या यूं कहें अपने आप को समझदार मानने लगे हैं ।
अब हम आधुनिक हो गए हैं ,
माँ बाप क्या होते हैं ये मेरे या आपके कहने से नहीं जब खुद माँ बाप बन जायेंगे तब पता चलेगा ।
इसी के साथ मैं अब्बू जाट अपनी लेखनी को विराम देता हूँ ।
मिलता हूँ नए लेख के साथ
तब तक के लिए नमस्कार 🙏
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